Cervical Cancer :अज्ञानता और लापरवाही का घातक मिश्रण हर 7 मिनट में भारत में एक महिला सर्वाइकल कैंसर का शिकार!

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भारत में Cervical Cancer महिलाओं के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा है। हर 7 मिनट में, इस भयानक बीमारी के कारण एक महिला की जान चली जाती है। यह आंकड़ा चौंकाने वाला है और यह दर्शाता है कि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम और उपचार के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।

इस लेख में, हम सर्वाइकल कैंसर के कारणों, लक्षणों, रोकथाम और उपचार के तरीकों पर चर्चा करेंगे। साथ ही, हम यह भी देखेंगे कि भारत में सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों की उच्च दर के पीछे अज्ञान और उदासीनता प्रमुख कारक कैसे हैं।

सर्वाइकल कैंसर क्या है?

सर्वाइकल कैंसर तब होता है जब सर्वाइकल कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि होती है, जो गर्भाशय के निचले हिस्से को योनि से जोड़ता है। यह मानव पेपिलोमावायरस (HPV) के संक्रमण के कारण होता है, जो एक यौन संचारित संक्रमण है। हालांकि, सभी एचपीवी संक्रमण कैंसर का कारण नहीं बनते हैं।

भारत में सर्वाइकल कैंसर इतना व्यापक क्यों है?

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कई कारक भारत मेंCervical Cancer के उच्च प्रसार में योगदान करते हैं:

  • कम उम्र में विवाह और गर्भधारण: भारत में, कई महिलाओं का विवाह और गर्भधारण कम उम्र में ही हो जाता है। इससे उनके शरीर को परिपक्व होने का कम समय मिलता है, जिससेCervical Cancer का खतरा बढ़ जाता है।
  • एचपीवी टीकाकरण की कमी: वर्तमान में, भारत में एचपीवी टीकाकरण कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर लागू नहीं है। यह टीका एचपीवी के कुछ प्रकारों से बचा सकता है जो सर्वाइकल कैंसर का कारण बनते हैं।
  • जागरूकता की कमी: भारत में, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों और जोखिम कारकों के बारे में जागरूकता नहीं होती है। इससे वे लक्षणों को अनदेखा कर देती हैं और तब तक डॉक्टर के पास नहीं जातीं जब तक बीमारी काफी गंभीर नहीं हो जाती।कई महिलाएं लक्षणों को अनदेखा कर देती हैं, डॉक्टर के पास जाने में देरी करती हैं, या सामाजिक वर्जनाओं के डर से अपना इलाज नहीं करवाती हैं। यह लापरवाही उनके जीवन की कीमत चुका सकती है।
  • पैप स्मीयर टेस्ट तक सीमित पहुंच: पैप स्मीयर टेस्ट सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए एक प्रभावी स्क्रीनिंग टेस्ट है। हालांकि, भारत में कई महिलाओं को इस टेस्ट तक पहुंच नहीं है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को। इसके अलावा, सामाजिक वर्जनाएं भी महिलाओं को इस टेस्ट कराने से रोक सकती हैं।
  • उपचार तक सीमित पहुंच: भारत में, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, कैंसर के इलाज के लिए उचित चिकित्सा सुविधाओं और विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। इससे महिलाओं को समय पर और प्रभावी उपचार मिलने में देरी हो सकती है।
  • इस अज्ञानता के साथ, लापरवाही का जहर भी मिल जाता है। कई महिलाएं लक्षणों को अनदेखा कर देती हैं, डॉक्टर के पास जाने में देरी करती हैं, या सामाजिक वर्जनाओं के डर से अपना इलाज नहीं करवाती हैं। यह लापरवाही उनके जीवन की कीमत चुका सकती है।
  • शर्मिंदगी और डर:
  • भारतीय समाज में, महिलाओं को अक्सर अपने यौन स्वास्थ्य के बारे में बात करने में शर्म महसूस होती है। यह शर्मिंदगी उन्हें डॉक्टर से सलाह लेने और आवश्यक जांच करवाने से रोक सकती है।

Cervical Cancer:के लक्षण क्या हैं?

सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती चरणों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि, जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

  • असामान्य योनि से रक्तस्राव, खासकर संभोग के बाद या माहवारी के बीच में
  • लंबे समय तक चलने वाला माहवारी
  • संभोग के दौरान या बाद में दर्द
  • असामान्य योनि स्रावण
  • पैल्विक में दर्द

यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जल्द से जल्द निदान और उपचार से सर्वाइकल कैंसर के सफल इलाज की संभावना बढ़ जाती है।

सर्वाइकल कैंसर को कैसे रोका जा सकता है?

सर्वाइकल कैंसर को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता है, लेकिन इसके जोखिम को कम करने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं:

  • एचपीवी टीकाकरण: यदि आपकी उम्र उपयुक्त है, तो एचपीवी टीकाकरण करवाएं। यह टीका एचपीवी के कुछ प्रकारोंसे बचा सकता है जो सर्वाइकल कैंसर का कारण बनते हैं।
  • नियमित पैप स्मीयर टेस्ट: 30 वर्ष की आयु के बाद, महिलाओं को नियमित रूप से पैप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए। यह टेस्ट असामान्य सर्वाइकल कोशिकाओं का पता लगा सकता है, जिनका इलाज किया जा सकता है इससे पहले कि वे कैंसर में बदल जाएं। टेस्ट कराने की आदर्श आवृत्ति आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित की जाएगी।
  • सुरक्षित यौन संबंध: सुरक्षित यौन संबंध का अभ्यास करें, जैसे कंडोम का उपयोग करना, जो एचपीवी सहित यौन संचारित संक्रमणों के प्रसार को कम करने में मदद कर सकता है।
  • धूम्रपान से बचें: धूम्रपान सर्वाइकल कैंसर सहित कई कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे छोड़ने का प्रयास करें।
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: स्वस्थ आहार लें, नियमित व्यायाम करें और अपना वजन बनाए रखें। ये आदतें आपके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं और कैंसर के खतरे को कम कर सकती हैं।
  • सामाजिक बदलाव: महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें अपने स्वास्थ्य के बारे में खुलकर बात करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।

जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है

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  • Cervical Cancer को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है। महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के जोखिम कारकों, लक्षणों और रोकथाम के तरीकों के बारे में शिक्षित करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, सामाजिक वर्जनाओं को दूर करने और महिलाओं को डॉक्टर से परामर्श करने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
  • सरकार की भूमिका
  • भारत सरकार को सर्वाइकल कैंसर से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इसमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
  • राष्ट्रीय स्तर पर एचपीवी टीकाकरण कार्यक्रम लागू करना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों सहित पूरे देश में पैप स्मीयर टेस्ट तक पहुंच बढ़ाना।
  • कैंसर के इलाज के लिए उचित चिकित्सा सुविधाओं और विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाना।
  • महिलाओं के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाना।

निष्कर्ष

  • Cervical Cancer एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इसे रोका जा सकता है। जागरूकता फैलाकर, टीकाकरण को बढ़ावा देकर, स्क्रीनिंग टेस्ट कराकर और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, हम सर्वाइकल कैंसर के बोझ को कम कर सकते हैं और हर 7 मिनट में एक भारतीय महिला की मौत को रोक सकते हैं।
  • आइए साथ मिलकर सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ लड़ाई लड़ें और महिलाओं के लिए एक स्वस्थ भविष्य का निर्माण करें!

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