Postpartum Depression प्रसव (childbirth) एक नया जीवन दुनिया में लाने का खूबसूरत अनुभव होता है, लेकिन यह हमेशा खुशियों से ही भरा नहीं होता। कई नई माताओं को प्रसव के बाद भावनात्मक उथल-पुथल का सामना करना पड़ता है, जिसे प्रसवोत्तर अवसाद (postpartum depression) के नाम से जाना जाता है। यह अवसाद का एक रूप है, जो प्रसव के कुछ हफ्तों या महीनों के भीतर होता है और हफ्तों या महीनों तक रह सकता है।
इस लेख में, हम प्रसवोत्तर अवसाद को गहराई से समझने का प्रयास करेंगे। साथ ही, यह जानने की कोशिश करेंगे कि पुरुष इस स्थिति को कैसे बेहतर ढंग से समझ सकते हैं और अपनी साथी माताओं का सहयोग कर सकते हैं।
What is Postpartum Depression
प्रसवोत्तर अवसाद (पीपीडी) सिर्फ बेबी ब्लूज़ (baby blues) से अलग है। बेबी ब्लूज़ प्रसव के बाद होने वाली उदासी और चिड़चिड़ापन की एक सामान्य सी स्थिति है, जो कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है। वहीं, प्रसवोत्तर अवसाद अधिक गंभीर और लंबे समय तक चलने वाला होता है। यह माता के दैनिक जीवन और उसके बच्चे की देखभाल को भी प्रभावित कर सकता है।
Postpartum Depression:लक्षण
Postpartum Depression के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- लगातार उदासी या निराशा का भाव
- बिना किसी कारण के अत्यधिक रोना
- अपने बच्चे से जुड़ाव महसूस न करना
- भूख कम लगना या ज्यादा लगना
- नींद में परेशानी होना या बहुत ज्यादा सोना
- निर्णय लेने में कठिनाई होना
- बेचैनी या चिड़चिड़ापन महसूस करना
- ऊर्जा की कमी और थकान
- खुद को नुकसान पहुंचाने या बच्चे को नुकसान पहुंचाने के बारे में विचार आना
- जीवन में रुचि खो देना
यदि आप किसी भी माता में इनमें से पांच या अधिक लक्षण दो सप्ताह से अधिक समय तक देखते हैं, तो यह प्रसवोत्तर अवसाद का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना ज़रूरी है।
Postpartum Depression : कारण
प्रसवोत्तर अवसाद के ठीक-ठीक कारणों का पता अभी तक नहीं चल पाया है, लेकिन माना जाता है कि इसमें कई कारक तत्वों का समावेश होता है, जैसे:
- हार्मोनल परिवर्तन: प्रसव के बाद शरीर में हार्मोनों का स्तर तेजी से बदलता है, जिसका महिलाओं के मूड और भावनाओं पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
- शारीरिक थकावट: प्रसव और नवजात शिशु की देखभाल शारीरिक रूप से काफी थका देने वाली होती है। नींद की कमी और लगातार थकान अवसाद के जोखिम को बढ़ा सकती है।
- भावनात्मक उथल-पुथल: मातृत्व एक नया अनुभव होता है। कई नई माताओं को इस दौरान अकेलेपन, चिंता, और असहायता का भाव महसूस हो सकता है।
- सामाजिक समर्थन की कमी: परिवार और दोस्तों से पर्याप्त समर्थन न मिलना भी प्रसवोत्तर अवसाद का एक कारण हो सकता है।
- अतीत में अवसाद का होना: जिन महिलाओं को पहले कभी अवसाद हुआ है, उनमें प्रसवोत्तर अवसाद होने का खतरा अधिक होता है।
पुरुष और प्रसवोत्तर अवसाद (Men and Postpartum Depression)
पुरुष साथी के रूप में इस स्थिति को समझने और अपनी साथी माता का सहयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
पुरुष प्रसवोत्तर अवसाद को कैसे समझ सकते हैं? (How Can Men Understand Postpartum Depression?)
पुरुष अपनी साथी माता का सहयोग करने के लिए निम्न तरीके अपना सकते हैं:
- शिक्षित रहें (Educate Yourself): प्रसवोत्तर अवसाद के बारे में जानकारी हासिल करें। इसके लक्षणों, कारणों और उपचारों को समझें। इससे आप अपनी साथी की स्थिति को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे।
- खुलकर बातचीत करें (Communicate Openly): अपनी साथी के साथ खुलकर बातचीत करें। उनसे उनकी भावनाओं को जानने की कोशिश करें। यह बताएं कि आप उनकी परवाह करते हैं और उनकी हर परिस्थिति में उनका साथ देंगे।
- सक्रिय रूप से सहयोग दें (Actively Support): घरेलू कामों और बच्चे की देखभाल में सक्रिय रूप से सहयोग दें। रात में बच्चे को जगाने की बारी लें। अपनी साथी को पर्याप्त नींद लेने और आराम करने का समय दें।
- समस्याओं को कम करें (Reduce Stress): जितना हो सके अपनी साथी के तनाव को कम करने की कोशिश करें। ज़रूरी न हो तो घर का अतिरिक्त काम उन पर ना डालें। रिश्तेदारों और मेहमानों के आने-जाने को सीमित करें।
- उन्हें सहायता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करें (Encourage Them to Seek Help): यदि आपकी साथी में प्रसवोत्तर अवसाद के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए प्रोत्साहित करें। यह बताएं कि मानसिक स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना शारीरिक स्वास्थ्य।
- सकारात्मक बने रहें (Stay Positive): प्रसवोत्तर अवसाद का इलाज संभव है। अपनी साथी का हौसला बढ़ाएं और उनकी हर मुश्किल में साथ रहें।
निष्कर्ष (Conclusion)
प्रसवोत्तर अवसाद एक वास्तविक स्थिति है, जिसका सामना कई नई माताओं को करना पड़ता है। पुरुषों की भूमिका इस दौरान उनकी साथी का सहारा बनने और उनका समर्थन करने की होती है। प्रसवोत्तर अवसाद के बारे में जागरूकता फैलाकर और खुलकर बातचीत करके हम इस स्थिति से लड़ सकते हैं और माताओं को बेहतर मानसिक स्वास्थ्य प्रदान कर सकते हैं।
याद रखें, आप अकेले नहीं हैं। सहायता उपलब्ध है। यदि आपको लगता है कि आपकी साथी या आप स्वयं प्रसवोत्तर अवसाद से जूझ रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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