दाल-चावल भारतीय भोजन का एक आधारभूत हिस्सा है, 

पर कई लोगों के पेट में खाने के बाद यह गैस या सूजन का कारण बनता है।

दाल और कुछ प्रकार के चावलों में जटिल कार्बोहाइड्रेट जैसे, रैफिनोज़ और स्टेकीओज पाए जाते हैं। ये मनुष्यों के पाचन तंत्र में पूरी तरह से नहीं पचते। 

जब ये आंतों में पहुँचते हैं तो आंतों में उपस्थित बैक्टटीरिया इन शर्करा का किण्वन कर देते हैं जिसके परिणामस्वरूप गैस बनती है। 

इस वजह से कुछ लोग बड़ी आसानी से जटिल कार्बोहाइड्रेट पचा लेते हैं, जब कि कुछ को अधिक गैस बनने की तकलीफ होती है। 

जो लोग नियमित रूप से दाल-चावल जैसा भोजन करते हैं, उनके आंतों में उन खास शर्करा को तोड़ने वाले बैक्टीरिया अधिक मात्रा में होते हैं। इसलिए दाल-चावल खाने के बाद इन्हें कम परेशानी होती है। 

तेज़ी से खाना: दाल-चावल खाने के साथ अगर आपने हवा भी निगल ली है, जो तेज़ी से खाने पर हो सकता है, तो यह समस्या और भी बढ़ सकती है।

 अधिक मात्रा: यदि आपने आवश्यकता से अधिक दाल-चावल खा लिया है, तब भी आपका पाचन तंत्र इन्हें पचाने के लिए संघर्ष कर सकता है।

भिगो कर पकाएं: अनाज और दाल को पकाने से पहले कई घंटों के लिए भिगोना एक प्राचीन भारतीय तरीका है, जो उनकी पाचनशीलता को बढ़ाने में सहायक है।

समस्या से निपटने के आसान तरीके

 अंकुरण: अंकुरित दाल और अनाज पचाने में आसान होते हैं क्योंकि भीगने की क्रिया से ये जटिल कार्बोहाइड्रेट टूटने शुरू कर देते हैं।

 अदरक और हींग जैसे पाचक मसालों का इस्तेमाल करें: पारंपरिक भारतीय खाना इन मसालों का विशेष प्रयोग करता है, और इनकी पाचन को बेहतर करने की क्षमता वैज्ञानिक तौर पर भी प्रमाणित है।

 काफ़ी पानी पियें: पूरे दिन में पानी या अन्य तरल पदार्थों का सेवन पाचन के लिए महत्वपूर्ण है। इससे मल का निर्माण भी बेहतर होता है।