शिष्टाचार एक मजबूत सामाजिक बंधन को बनाने में, दूसरों का सम्मान पाने में और जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आइए, जानते हैं कुछ सामान्य शिष्टाचार नियम

मिलने पर मुस्कुराते हुए अभिवादन करना शिष्टाचार का पहला कदम है। बात करते समय आंखों का संपर्क बनाए रखने से ध्यान और सम्मान का भाव प्रदर्शित होता है। 

अभिवादन और आंखों का संपर्क 

दूसरों को ध्यान से सुनें और उनकी बात पूरी होने दें। बीच में टोकना न केवल अशिष्टता है, बल्कि संवाद भी प्रभावित करता है। 

सक्रिय सुनना 

अपने शब्दों और हाव-भाव से सकारात्मकता फैलाएं। शिकायत करने और नकारात्मक बातों पर ध्यान देने के बजाय, समाधान ढूंढने का प्रयास करें। 

सकारात्मकता फैलाएं 

सामाजिक परिस्थितियों में मोबाइल फोन का कम से कम इस्तेमाल करें। बातचीत या किसी कार्य के दौरान फोन पर ध्यान लगाना अशिष्टता का प्रतीक है। 

मोबाइल का ध्यान रखें 

सार्वजनिक स्थानों पर, जैसे कि बस, ट्रेन या रेस्तरां में, आवाज कम रखें। अपने आस-पास के लोगों की सुविधा का ध्यान रखें और अनावश्यक शोर मचाने से बचें। 

सार्वजनिक स्थानों पर शिष्टाचार 

जरूरतमंद को देखते हुए, बिना पूछे ही मदद करना एक अच्छा शिष्टाचार है। जरूरी नहीं कि ये कोई बड़ी मदद हो, छोटी-छोटी मदद भी प्रभावशाली होती है। 

मदद की पेशकश 

छोटी या बड़ी किसी भी मदद के लिए, आभार व्यक्त करना कभी ना भूलें। इससे शिष्टाचार झलकता है और रिश्तों को मजबूत बनाता है। 

आभार व्यक्त करना 

हर व्यक्ति अलग है, उनका अपना बैकग्राउंड और संस्कृति है। विविधता का सम्मान करना ही अच्छे शिष्टाचार का प्रतीक है। 

विविधता का सम्मान 

यदि भूलवश कोई गलती कर दी है, तो खुलकर क्षमा मांगने में संकोच ना करें। इससे न केवल सामने वाले का दिल जीतते हैं, बल्कि अपनी गलती सुधारने का मौका भी मिलता है। 

क्षमा मांगना