हर रात हम गहरी नींद में सोते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाहरी दुनिया से हमारे संबंध पूरी तरह से कट नहीं जाते?
हाल ही में हुए एक शोध में इस धारणा को चुनौती दी गई है, जिससे पता चलता है कि नींद के दौरान भी हमारा शरीर बाहरी वातावरण के प्रति प्रतिक्रिया करता है।
इस शोध में बताया गया है कि सोते समय सुखदायक शब्द सुनने से हृदय गति धीमी हो जाती है, जो गहरी नींद का संकेत है।
इस शोध का उद्देश्य यह जानना था कि क्या नींद के दौरान शरीर वास्तव में बाहरी दुनिया से पूरी तरह से अलग हो जाता है।
ऐसा करने के लिए, उन्होंने यह जांचा कि नींद के दौरान विभिन्न शब्द सुनने से हृदय गति कैसे बदलती है।
शोधकर्ताओं ने 35 स्वस्थ्य वयस्कों को इस अध्ययन में शामिल किया।
नींद के दौरान, उन्हें तीन अलग-अलग प्रकार के शब्द सुनाए गए थे:
सुखदायक शब्द: "शांति," "आराम," और "प्रकृति" जैसे सकारात्मक और शांत अर्थ वाले शब्द।तटस्थ शब्द: "टेबल," "कुर्सी," और "दरवाजा" जैसे भावनात्मक रूप से तटस्थ अर्थ वाले शब्द।उल्टे शब्द: "तिशां," "रामका," और "तिजारा" जैसे उल्टे क्रम में पढ़े जाने वाले अर्थहीन शब्द।
इस दौरान, उनकी मस्तिष्क गतिविधि (इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम) और हृदय गति (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) को रिकॉर्ड किया गया।
इस अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि नींद के दौरान हमारा मस्तिष्क बाहरी वातावरण से सूचनाओं को संसाधित कर सकता है और इस जानकारी के आधार पर शरीर की प्रतिक्रियाओं को प्रभावित कर सकता है।
नींद के दौरान बाहरी वातावरण का हमारे शरीर पर प्रभाव पड़ सकता है। शांत और सुखदायक वातावरण नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।