भारतीय सिनेमा के लिए गौरव का क्षण! यह पहली बार है जब किसी भारत में बनी डॉक्यूमेंट्री को ऑस्कर के लिए नामांकन मिला है।
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निशा पाहुजा द्वारा निर्देशित वृत्तचित्र 'टू किल अ टाइगर' को 96वें अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र फीचर के लिए नामांकित किया गया है।
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टू किल अ टाइगर' 13 साल की रंजना की दिल दहला देने वाली कहानी है, जिसके साथ गांव के एक शक्तिशाली आदमी द्वारा यौन उत्पीड़न किया गया था।
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फिल्म रंजना और उसकी मां मनोरमा के संघर्ष को दर्शाती है, जो न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं।
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भारत के ग्रामीण समाज में व्याप्त लैंगिक असमानता और पितृसत्तात्मक व्यवस्था पर भी प्रकाश डालती है।
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निशा पाहुजा एक प्रतिष्ठित वृत्तचित्र फिल्म निर्माता हैं, जिन्होंने इससे पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं।
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'टू किल अ टाइगर' को बनाने में उन्होंने 7 साल का समय लगाया।
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यह फिल्म साबित करती है कि भारतीय सिनेमा अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बना सकता है।
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फिल्म के नामांकन से न केवल भारतीय फिल्म निर्माताओं का हौसला बढ़ा है, बल्कि इससे भारत की सामाजिक समस्याओं पर भी वैश्विक स्तर पर चर्चा होने की उम्मीद है।