भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 4 अप्रैल 2024 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस फैसले पर रोक लगा दी है,
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जिसमें उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा (विनियमन) अधिनियम, 2020 को असंवैधानिक घोषित कर दिया गया था।
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यह अधिनियम मदरसों के पाठ्यक्रम, वित्तीय सहायता और शिक्षकों की नियुक्ति को विनियमित करने का प्रयास करता है।
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले महीने फरवरी में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इस अधिनियम को असंवैधानिक करार दिया था।
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अदालत का कहना था कि यह अधिनियम संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
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अदालत ने यह भी माना कि यह अधिनियम अल्पसंख्यक संस्थाओं के प्रबंधन में उनके अधिकारों का हनन करता है।
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उत्तर प्रदेश सरकार की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया, जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई थी।
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उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि वह इस मामले की अंतिम सुनवाई करेगी, लेकिन फिलहाल इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाई जाती है।
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इसका मतलब यह हुआ कि यूपी मदरसा शिक्षा (विनियमन) अधिनियम, 2020 को पहले की तरह ही लागू किया जाएगा।
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